राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश के गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को कम कीमत पर राशन उपलब्ध कराया जाता है। अगर आप भी राशन कार्ड के तहत हर महीने राशन का लाभ उठाते हैं तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी है। अब राशन कार्ड धारकों को महीने में दो बार मुफ्त राशन मिल रहा है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त राशन वितरण अभियान को आगे बढ़ाया गया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में चुनाव को लेकर सरकार कई ऐलान कर रही है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार की गरीब कल्याण योजना की अवधि बढ़ा दी गई है, जिसके तहत अब यूपी के राशन कार्ड धारकों को हर महीने 10 किलो राशन मुफ्त मिल रहा है. इतना ही नहीं, लाभार्थियों को गेहूं और चावल के साथ-साथ दाल, खाद्य तेल और नमक भी महीने में दो बार मुफ्त दिया जा रहा है. आइए जानते हैं कि इस योजना को कितने समय के लिए बढ़ाया गया है।
गरीबों को मिल रहा योजना का लाभ
कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर गरीबों, मजदूरों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में गरीब कल्याण योजना के तहत सरकार ने लोगों को मुफ्त राशन देना शुरू किया था, जिसकी मदद से मुश्किल वक्त में लोगों को खाना मिल सके.
इसके साथ ही अंत्योदय राशन कार्ड धारकों और पात्र परिवारों को दिसंबर से ही दोगुना राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। आंकड़ों की बात करें तो इस अन्न योजना के तहत राज्य में लगभग 13007969 इकाई एवं पात्र घरेलू कार्डधारकों की 134177983 इकाई है।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
दरअसल, यह बैठक सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बुलाई गई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र को तीन सप्ताह के भीतर राज्यों की सहमति से सामुदायिक रसोई योजना का मॉडल तैयार करना है. योजना के तौर-तरीकों को देखने के लिए राज्य के खाद्य सचिवों के एक समूह की स्थापना की घोषणा करते हुए, अदालत ने कहा कि एक सामुदायिक रसोई योजना तैयार करने की आवश्यकता है जो सरल, पारदर्शी और लोगों के लाभ के लिए हो।
कम्युनिटी किचन बनेगा
केंद्रीय मंत्री का कहना है कि गुणवत्ता, विश्वसनीयता, स्वच्छता और सेवा की भावना के चार स्तंभों पर सामुदायिक रसोई बनाने की जरूरत है. जो ‘कोई भूखा न सोए’ के लक्ष्य को पूरा करने में हमारी मदद करेगा।
PMGKAY के तहत केंद्र ने किया गेहूं का कोटा: अगर आप भी राशन कार्ड धारक हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गेहूं का कोटा घटाकर चावल का कोटा बढ़ा दिया है। यह बदलाव कई राज्यों और कुछ केंद्र शासित प्रदेशों में किया गया है। इससे राशन कार्ड धारकों को पहले के मुकाबले कम गेहूं मिलेगा।
PMGKAY के तहत 25 राज्यों के कोटे में कोई बदलाव नहीं
दरअसल, केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मई से सितंबर तक आवंटित होने वाले गेहूं के कोटे को कम कर दिया है। इसके बाद पीएमजीकेएवाई के तहत तीन राज्यों बिहार, केरल और उत्तर प्रदेश में मुफ्त वितरण के लिए गेहूं नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा दिल्ली, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में गेहूं का कोटा कम किया गया है. बाकी 25 राज्यों के कोटे में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
गेहूं के घटे हुए कोटे की भरपाई चावल से होगी
केंद्र की ओर से राज्यों को दी गई जानकारी में बताया गया, ‘मई से सितंबर तक के शेष 5 महीनों के लिए सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए चावल और गेहूं के पीएमकेजीएवाई आवंटन में बदलाव का फैसला किया गया है.’ खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा कि गेहूं के घटे हुए कोटे की भरपाई चावल से की जाएगी।
इसका मुख्य कारण गेहूं की खरीद कम होना है।
राज्यों को कोटा कम होने का कारण गेहूं की कम खरीद बताया जा रहा है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा, ”लगभग 55 लाख मीट्रिक टन चावल का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा, उतनी ही मात्रा में गेहूं की बचत होगी.” दो चरणों में सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया गया।
NFSA के तहत चावल के अनुरोध पर विचार करेंगे
पांडे ने कहा कि यह संशोधन सिर्फ पीएमजीकेएवाई के लिए है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत आवंटन पर राज्यों से चर्चा चल रही है। उन्होंने यह भी कहा, “अगर कुछ राज्य एनएफएसए के तहत अधिक चावल लेना चाहते हैं, तो हम उनके अनुरोध पर विचार करेंगे।”
क्या होगा असर?
उत्तराखंड में जून के बाद से राज्य में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गेहूं के कम कोटे से कम गेहूं और अधिक चावल दिया जाएगा। प्रदेश के 14 लाख राशन कार्ड धारकों को जून से प्रति यूनिट 3 किलो गेहूं की जगह 1 किलो गेहूं मिलेगा। जबकि चावल 2 किलो की जगह 4 किलो दिया जाएगा।
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