सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में आने वाले अपात्र लोगों के राशन कार्ड रद्द करने का निर्देश दिया है. इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत भी संशोधन किया गया है।
उत्तर प्रदेश समेत बिहार, दिल्ली और उत्तराखंड जैसे राज्यों में राशन कार्ड की पात्रता की जांच की जा रही है। ऐसे में राशन कार्ड में फर्जीवाड़े के लाखों मामले सामने आ चुके हैं. इसे देखते हुए बिहार सरकार बड़ी संख्या में राशन कार्ड रद्द करने जा रही है. इसका सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ने जा रहा है जो सरकारी कर्मचारी हैं। इस सूची में संविदा कर्मियों को भी रखा गया है।
सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में आने वाले अपात्र लोगों के राशन कार्ड रद्द करने का निर्देश दिया है. इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत भी संशोधन किया गया है। बिहार सरकार के खाद्य सचिव विनय कुमार ने कहा है कि अपात्र लोगों के राशन कार्ड रद्द करने के लिए अभियान चलाया जाएगा. यह अभियान 31 मई तक पूरे राज्य में चलाया जाएगा।
इन लोगो का होगा राशन कार्ड रद्द
खाद्य सचिव विनय कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिन परिवारों के पास चौपहिया वाहन, शासकीय सेवक, कर दाता, जिनके पास सिंचाई उपकरण सहित 2.5 एकड़ भूमि है, राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 5 एकड़ भूमि है. व्यवसाय कर चुकाने वाले एवं अन्य साधन रखने वाले परिवारों का राशन निरस्त कर दिया जायेगा।
10 हजार से ज्यादा वेतन वाले का भी कार्ड होगा रद्द
राशन रद्द किए जाने वाले अपात्रों में सरकारी नौकरी करने वाले लोगों को भी रखा गया है। इसके तहत संविदा कर्मी भी आते हैं और इनका अगर 10 हजार या 10 हजार रुपये से अधिक मासिक वेतन है तो भी इनका राशन कार्ड कैंसिल कर दिया जाएगा।
करदाताओं का कार्ड भी रद्द होगा
वहीं अगर कोई राशन कार्ड धारक टैक्स पेयर है या अपने परिवार में कोई टैक्स देता है तो उसका राशन कार्ड भी रद्द कर दिया जाएगा। इसके अलावा अगर घर में एसी, लाइसेंसी बंदूक या चौपहिया वाहन है तो भी उसका राशन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा।